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जिला बाल सुखेल चैंपियनशिप सम्पन्न।
सुखेल फेडरेशन ऑफ इंडिया के तत्वावधान में 13 सितम्बर 2025 को दिल्ली पब्लिक स्कूल, अरवल में जिला बाल सुखेल चैंपियनशिप सम्पन्न हुई। जिसमें डीपीएस, डीएवी, +2 बालिका उच्च विद्यालय अरवल, और पायस मिशन स्कूल के बच्चों ने भाग लिया। बच्चों द्वारा सुखेल प्रस्तुति अंतर्गत एक से एक कविता, गजल, दोहा, शेरो शायरी पढ़ी गई। चैंपियनशिप का शुभारंभ श्री वीरेंद्र कुमार यादव , सदस्य, हिन्दी सलाहकार समिति, भारत सरकार ,श्री नरेंद्र कुमार सिन्हा, भा०प्र०से०(सेवानिवृत) समीर परिमल, राज्य-कर उपायुक्त, बिहार डॉ (श्रीमती) पूनम सिन्हा श्रेयसी प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ (श्रीमती) नीलू अग्रवाल, असिस्टेंट प्रोफेसर ( मुंगेर विश्वविद्यालय ) श्रीमती ऋचा वर्मा स्वतंत्र लेखक एवं पुष्प रंजन कुमार द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। आयोजित चैंपियनशिप समारोह में गणमान्य अतिथियों द्वारा पुष्प रंजन की लिखी पुस्तक सुखेल एक साहित्यिक खेल का लोकार्पण किया गया तथा काव्यपाठ किया गया। जिला बाल सुखेल चैंपियनशिप में डीपीएस स्कूल की रौशनी कुमारी 31 वार अर्जित कर स्वर्ण पदक जीती। वहीं डीएवी स्कूल की फ़ैज़ा रिजवान 18 वार प्राप्त कर रजक पदक और डीपीएस के निखिल कुमार द्वारा 17 वार लाकर कांस्य पदक अपने नाम किया गया। डीएवी की छात्रा स्वरा राज को उत्कृष्ट रचना शिल्प के लिए तथा डीपीएस की अंकिता राज को उत्कृष्ट प्रस्तुति के लिए पुरस्कृत किया गया। मैच का संचालन शिक्षक विकाश कुमार द्वारा किया गया। सुखेल फेडरेशन ऑफ इंडिया के चेयरमैन अधिवक्ता आयुष रंजन द्वारा अतिथियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया गया।
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‘ऑनलाईन सुखेल लीग 2024′ का 10 दिसंबर से शुभारंभ :-
सुखेल फेडरेशन ऑफ इंडिया, अरवल के तत्वावधान में 10 दिसंबर 2024 से सुखेल लीग 2024 आहूत की गई है। मैच गूगल मीट पर आयोजित होगा। प्रत्येक सहितवर को रचनाओं की प्रस्तुति के लिए 20- 20 मिनट का समय आवंटित किया जायेगा। निर्धारित समय में खिलाड़ियों द्वारा दूसरे लेखकों की पाँच रचनाएं सहित अपनी मौलिक रचनाओं यथा- कविता, लघुकथा, दोहा, शेर, ग़ज़ल, मुक्तक, आदि साहित्यिक विद्याओं से सामाजिक विद्रूपता,आडम्बर, असमानता, कुरीति आदि बुराईयों पर प्रहार कर वार अर्जित किये जायेंगे। दो सदस्यीय निर्णायक मंडल द्वारा सहितवरों को वार प्रदान किये जायेंगे। सहितवर की अपनी रचनाओं से सामाजिक विद्रूपता,विसंगति, आडम्बर, कुरीति आदि बुराईयों पर प्रहार करने पर प्रति रचना एक वार तथा दूसरे लेखक की अधिकतम पांच रचनाओं पर प्रति रचना एक पुष्प प्रदान किये जायेंगे। एक पुष्प 2 वार का मान रखता है।
लीग विजेता और उपविजेता को विशिष्ट सम्मान के साथ प्रमाण पत्र प्रदान किया जायेगा, साथ ही अन्य सहभागी साहितवारों को प्रमाण पत्र से समादृत किया जायेगा।
ज़रूरी जानकारी:-
(1) सहितवारों द्वारा प्रस्तुत रचनाओं में व्याकरण एवं विधा से संबन्धित त्रुटि रहने तथा उनके अशुद्ध वाचन पर निर्णायक मंडल द्वारा वार प्रदान नहीं किये जायेंगे ।
(2) सहितवर द्वारा प्रस्तुत रचना उनकी स्व -लिखित व मौलिक हो। दूसरे लेखक की रचना की नकल न हो। नकल या कॉपीराइट उल्लंघन से संबन्धित विवाद के लिए संबन्धित सहितवर जिम्मेदार होंगे।
(3 ) निर्णायक मंडल द्वारा सहितवर के 12 या 12 से अधिक पन्क्ति वाली रचनाओं पर प्रति रचना एक- एक वार प्रदान किये जायेंगे।
(4) साहितवर द्वारा प्रस्तुत अन्य लेखक की केवल 12 या 12 से अधिक पन्क्ति वाली रचनाओं पर ही निर्णायकों द्वारा प्रति रचना एक ‘पुष्प’ प्रदान किये जायेंगे। एक पुष्प 2 वार का मान रखता है।
(5) 12 या 12 पँक्ति से कम की रचनाएं यथा- दोहा, शेर, छंद, मुक्तक, हाइकु आदि का पाठ गुच्छ में किया जाएगा। मतलब दो -दो पन्क्ति वाला कम-से-कम छ: दोहा एक साथ पढ़ा जा सकता है। चार -चार पँक्ति के तीन मुक्तक का पाठ एक साथ किया जा सकता है ।
(6) सहितवरों द्वारा रचनाओं का पाठ उसकी विधा शैली में किया जाना अपेक्षित है। जैसे – कविता का पाठ उसकी कविताई शैली में किया जाये, ग़ज़ल तरन्नुम में या गजल शैली में पढ़ा जाये, दोहा उसकी पाठन शैली में बोला जाये आदि।
प्रस्तुत की गयी रचनाओं पर वार ( अंक) प्राप्ति हेतु किसी सामाजिक बुराई पर स्पष्ट प्रहार होना तथा उसकी शैली में पढ़ा जाना आवश्यक है ।
(7) खिलाड़ी द्वारा ऐसे रचनाओं का पाठ नहीं किया जायेगा जिससे किसी की धार्मिक या व्यक्तिगत भावना आहत हो।
(8) निर्णायकों द्वारा सहितवर की प्रस्तुति पर अधिकतम 5- 5 वार प्रदान किये जा सकेंगे।
ऑनलाइन सुखेल लीग २०२३ के मैचो का Video You Tube लिंक https://www.youtube.com/@sukhelkhabar पे देखा जा सकता है |

ऑनलाइन सुखेल लीग 2023 सम्पन्न

ऑनलाइन सुखेल लीग 2023 के विजेता एवं उपविजेता
