भाग १: सुखेल एक साहित्यिक उत्पादन

सुखेल एक साहित्यिक खेल है जो साहित्य को प्रोफेशन के रूप में स्थापित करने एवं उसे अर्थदायक बनाने का कार्य करता है। इसका अविष्कार युवा कवि पुष्प रंजन द्वारा किया गया है और इसे भारत सरकार, नई दिल्ली द्वारा कॉपीराइट प्रदान किया गया है। सुखेल देश का पहला अविष्कार है जो साहित्य को एक नया और रोचक ढंग से पेश करता है।

इस खेल के माध्यम से मनोज्ञ साहित्यिक प्रयासों को मंच प्राप्त होता है जिससे लोगों की रुचि को बढ़ाया जा सकता है और साहित्यिक क्षेत्र को बढ़ावा मिल सकता है। सुखेल एक आदर्श उदाहरण है जहां साहित्य के क्रिएटिव और रोचक आयामों को खेल के रूप में पेश किया जा सकता है।

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